उत्सव मन रहे हैं
महोत्सव मन रहे हैं
राष्ट्रभाषा
हिन्दी मुस्कुरा रही है
राजभाषा
की
पताका
फहर फहर फहरा रही है
ये उत्सव मनते रहें..........
महोत्सव मनते रहें.........
हिन्दी का सूर्य चढ़ता रहे .......
मेरा देश आगे बढ़ता रहे.........
____यही दुआएं
___यही हार्दिक शुभ कामनाएं............
-मुकेश खोरडिया
मुकेश खोरडिया की शुभ कामनाएं - हिन्दी महोत्सव खूब मनाएँ
Posted by
Mukesh Khordia
Wednesday, September 16, 2009
2 comments:
उत्सव महोत्सव पर
ही तो मुस्कुरा रही है
राष्ट्र्भाषा
उसे मुस्कुराने दो
आम आदमी के
मुँह में
किताब मे
चैन से आराम से
हमारी भी शुभकामनाएँ.
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