मुकेश खोरडिया की शुभ कामनाएं - हिन्दी महोत्सव खूब मनाएँ

उत्सव मन रहे हैं

महोत्सव मन रहे हैं

राष्ट्रभाषा

हिन्दी मुस्कुरा रही है

राजभाषा

की

पताका

फहर फहर फहरा रही है

ये उत्सव मनते रहें..........

महोत्सव मनते रहें.........

हिन्दी का सूर्य चढ़ता रहे .......

मेरा देश आगे बढ़ता रहे.........

____यही दुआएं

___यही हार्दिक शुभ कामनाएं............

-मुकेश खोरडिया

2 comments:

सुशील कुमार जोशी September 16, 2009 at 8:55 AM  

उत्सव महोत्सव पर
ही तो मुस्कुरा रही है
राष्ट्र्भाषा
उसे मुस्कुराने दो
आम आदमी के
मुँह में
किताब मे
चैन से आराम से

Udan Tashtari September 16, 2009 at 7:17 PM  

हमारी भी शुभकामनाएँ.

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