क्या बताऊँ
मेरे देश के नेता
किन हालात में हैं
कुछ हवा में हैं,
कुछ हवाले में हैं,
कुछ हवालात में हैं
__________ ये शे'र जिसने भी लिखा
__________ बहुत ख़ूब लिखा................
___ मेरी बधाई .........मेरा नमन !
ये शे'र जिसने भी लिखा, बहुत ख़ूब लिखा................
Posted by
Mukesh Khordia
Monday, September 7, 2009
Labels: शे'र-ओ- शायरी राजनीति polytics
2 comments:
बहुत ही बढिया...सच्चाई से भरा हुआ शेर है...मेरा भी नमन इसके रचनाकार को
सुंदर् रचना.
सिर्फ़ 10 साल मे बना लेगा मानव मस्तिष्क!
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